दस्त या डायरिया की दिक्कत ज्यादातर हमारी ही गलतियों के कारण होती है जब हम ज्यादा तली हुई या मिर्चदार चीज़े खा लेते है तो ये समस्या देखने को मिलती है| और ये बच्चे, बड़े या अधिक उम्र वाले इंसान किसी को भी हो सकती है| अक्सर ऐसा होता है की हम कभी कभी ऐसी चीज़ें खा लेते है जो हमारे पेट को गड़बड़ कर देती है| हर इंसान का डाइजेस्ट सिस्टम अलग तरह से काम करता है| आपने देखा होगा की बहुत से लोग ऐसे है जो कुछ भी और कितना भी खा लें लेकिन उनका पेट हमेशा सही रहता है और कुछ लोग ज़रा भी बाहर की या तली हुई चीज़ खा लें तो उनका डाइजेस्ट सिस्टम उसको पचा नहीं पाता है और फिर दस्त या पेचिस जैसी समस्या देखने को मिलती है| ज्यादातर लोग दस्त से इतने परेशान हो जाते है की वो तरह - तरह की दवा खाते है लेकिन अगर दस्त में आप परहेज़ी न करें तो आपके दवा खाने का कोई भी फायदा नहीं हो सकता है| आईये जानते है की दस्त आने के कारण, लक्षण, बचाव व घरेलु उपचार क्या है और इनमे क्या परहेज़ी करना चाहिए|
दस्त या पेचिस पर अगर हम अच्छे से ध्यान दें तो ये 1 से 2 दिन में ठीक हो जाती है लेकिन अगर हम दस्त के चलते अपने खान - पान को न सुधारें तो ये हमारे लिए समस्या खड़ी हो सकती है| क्योंकि आप जानते ही है की पेचिस या दस्त से कितनी ज्यादा कमज़ोरी हो जाती है और अगर यही दस्त लगातार कई दिन तक रहे तो हम बहुत कमज़ोर हो सकते है इसलिए हमें चाहिए की जब भी दस्त हो तो अच्छे से परहेज़ करे और घरेलु तरीके से दस्त को ठीक कर सकते है|
डायरिया और दस्त के कारण, लक्षण, बचाव व घरेलु उपचार - हिंदी में
दस्त आने के मुख्य कारण -
- अस्वस्थ भोजन - अधिक मिर्च व मसालेदार या अधिक तला हुआ भोजन हमारे पेट के लिए बिलकुल भी ठीक नहीं है| ज्यादातर पेट की समस्या तले हुए खाने या दूषित भोजन व पानी की वजह से आती है|
- फ़ास्ट फ़ूड - चाउमीन, पिज़्ज़ा, बर्गर, समोसा आदि को अधिक खाना|
- तनाव व डर - ज्यादा अधिक मानसिक तनाव और किसी बात का गहरा डर भी दस्त आने का कारण बन सकता है|
- मल मूत्र को रोकना - मल मूत्र को ज्यादा देर तक रोके रखने से भी दस्त की शिकायत आ सकती है |
- कुछ दवाएं - मेडिकल पर मिलने वाली एंटीबायोटिक्स का अधिक इस्तेमाल करना भी हमारे पेट के लिए गंभीर समस्या बन सकता है|
दस्त आने के कुछ लक्षण -
- पेशाब का कम अथवा गाड़ा आना व टट्टी का पतला और पानी जैसा आना दस्त का सबसे बड़ा लक्षण है|
- टट्टी का बार बार आना अथवा
- टट्टी में खून आना
- पेट में दर्द व ऐठन का हो जाना
- उलटी का आना व दिल घबराना
- खुश्की का लगना अथवा पेशाब कम आना
- भूख का कम लगना अथवा कमज़ोरी रहना
- शरीर का डिहाइड्रेट हो जाना
- कुछ मामलो में बुखार व सिरदर्द होना
दस्त के कुछ निम्नलिखित बचाव -
- साफ़ सफाई - बच्चो के डाइपर या शौचालय से आने के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोएं|
- भोजन व पानी - दस्त में बेहतर है उबले हुए पानी को गुनगुना करके पियें और पकी हुई चीज़ों का सेवन करे कुछ भी कच्चा खाने की कोशिश न करें|
- फल व सब्जियों को धोना - फलों को अच्छे से धोकर ही खाये और सब्जियों को पहले धोकर ही पकाये क्योंकि मार्किट से जब हम सब्जी या फल लाते है तो इन पर काफी सारे बैक्टेरिया लिपटे हुए होते है|
- स्तनपान - यदि अगर माँ ज्यादा तली हुई या अधिक मिर्च, मसालेदार चीज़ें खाये और फिर अपने बच्चे को अपना स्तनपान कराये तो बच्चे को इससे दिक्कत हो सकती है| इसलिए माँ खुद भी स्वस्थ भोजन खाये ताकि बच्चे को स्वस्थ दूध पीने मिल सके |
- शराब का सेवन - शराब इंसान के लीवर पर बहुत बुरा असर डालती है और अगर लीवर सही हो तो इंसान का डाइजेस्ट सिस्टम बहुत अच्छा रहता है|
- पैकेज फ़ूड - दस्त के दौरान पैकेज फ़ूड जैसे - चिप्स, कुरकुरा आदि चटपटी चीज़े न खाएं|
दस्त के कुछ घरेलु उपचार -
- पौष्टिक आहार - सुबह नाश्ते में दलिया आदि खाना दस्त में काफी लाभदायक है|
- तरल पदार्थो का सेवन - निम्बू पानी, नारियल पानी, बैल का जूस, शोरबा आदि ये सब तरल पदार्थ है इनके सेवन से दस्त में काफी आराम मिलता है अथवा कमज़ोरी नहीं लगती है|
- दाल - मूंग की दाल या मूंग की दाल की खिचड़ी बनाकर खाना दस्त में काफी लाभकारी है|
- सब्जियां - लौकी, तुरई, परवल आदि कम मिर्च व कम तेल से बना हुई अथवा लोकी का रायता दस्तों में फायदेमंद है|
- दही व छाछ - दही और छाछ भी दस्तो में बेहद लाभकारी है| दही में हल्का नमक डालकर रोटी से भी खा सकते है और दही की लस्सी भी दस्त में काफी राहत देती है| छाछ पीने से ताज़गी बनी रहती है|
- भुने हुए चने - पेचिस या दस्त में भुने हुए चने बहुत ही लाभदायक है| चनो के खाने से टट्टी सही आती है|
- नींद व आराम - पर्याप्त मात्रा में नींद और आराम करे| दस्त या पेचिस की कमज़ोरी से लड़ने के लिए आराम बेहद जरूरी है|
- दवाएं - डॉक्टर द्वारा बताया गया परहेज़ करें और दवा खाएं|
अन्य उपचार -
- चाय वाला बन - चाय से खाया जाने वाला बन दस्त में रुखा खाने से दस्त बहुत जल्दी ठीक हो जाते है| बन से दस्त को ठीक करना बहुत ही कारगर इलाज है|
- निम्बू से दस्त का इलाज - आधा गिलास पानी में 1 चम्मच नीबू का रस मिलाकर सुबह और शाम पीने से आंतो की सफाई होती है और दस्त से जल्दी रहत मिलती है|
- लाहोरी जीरा - जीरे का पानी या जीरे वाली कोल्ड ड्रिंक भी पेट के काफी फायदेमंद है| ये हमारे शरीर के अंदर हानिकारक बैक्टेरिया से लड़ते है|
- पपीता - पपीता पेट और हमारी त्वचा के लिए बहुत लाभकारी है| कच्चे पपीते को दस्त में उबालकर खाने से काफी लाभ होता है इसके अलावा पका पपीता भी पेट के लिए अच्छा है इसलिए पपीते को आप कच्चा या पका कैसा भी खा सकते है लेकिन दस्त में कच्चे पपीते के ज्यादा लाभ है|
- जीरा व सौंप - 1 चम्मच जीरा और सौंप को मिलाकर दोनों को तब पर भूनकर 1 गिलास पानी में मिला लें और सुबह शाम इसको पियें| ये हमारे पेट के इन्फेक्शन को ख़त्म करता है|
- सफ़ेद इलायची व चीनी - 2 से 3 इलायची और 1 चम्मच चीनी को पानी में डालकर उबालकर पीने से दस्त से बहुत जल्द छुटकारा मिलता है|
- नीबू के चाय - निम्बू की चाय पेट के लिए काफी आरामदायक है| इसे दस्त में पीने से दस्त से बहुत जल्द आराम मिलता है|
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