डेंगू बुखार बहुत ही तेज़ी से फैलने वाली बीमारी है| ये एडीज़ मच्छर द्वारा जनित बीमारी है| जब भी कोई एडीज़ मच्चर हमारे शरीर पर काटता है तो वो अपने डंक के ज़रिये हमारे शरीर में डेंगू वायरस को छोड़ देता है फिर ये हमारे रक्त के साथ हमारे पूरे शरीर में फ़ैल जाता है| ये बीमारी को हम हड्डी वाला बुखार भी कह सकते है| क्योंकि अगर हम वक़्त पर डेंगू बुखार पर गौर करें तो ये वायरस हमारी हड्डी को पकड़ लेता है और हमारे शरीर में अपनी मजबूती बना लेता है| हमें चाहिए की अगर हमारा बुखार जल्दी नहीं उतरता है तो हमें सबसे पहले जांच करने चाहिए की कहीं डेंगू बुखार तो नहीं है| जब कोई मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति के काटता है और फिर वही मच्छर दुसरे स्वस्थ व्यक्ति के काटता है तो स्वस्थ व्यक्ति भी इस वायरस में संक्रमित हो जाता है क्योंकि डेंगू वायरस संक्रमित व्यक्ति के रक्त से स्वस्थ व्यक्ति के अंदर मच्छर के डंक द्वारा प्रवेश करके स्वस्थ व्यक्ति को भी डेंगू वायरस में संक्रमित कर देता है| (डब्लू एच औ) की रिपोर्ट के मुताबिक लगभग हर साल देश में 5 लाख के आस - पास लोग डेंगू जैसी गंभीर समस्या से लड़ते है|
किसी भी वायरस या बीमारी का फैलना हमारे ऊपर भी काफी हद तक निर्भर करता है| हमें हमेशा साफ़ सफाई और बहुत सी चीज़ों से इत्यादि बरतनी चाहिए लेकिन हम गंदगी फैलाकर या अपने हेल्थ और वैलनेस पे दयँ न देकर अपने आप को इन बिमारियों की और ढकेलते है| आज हम आपके लिए डेंगू डेंगू बुखार के लक्षण, कारण, बचाव व घरेलु उपचार लेकर आये है| आईये जानते है की हमें डेंगू से बचने के लिए और डेंगू हो जाने पर क्या करना चाहिए|
डेंगू बुखार के कारण, लक्षण, बचाव और घरेलु उपचार
डेंगू बुखार के मुख्य कारण क्या है -
- डेंगू के प्रकार - डेंगू वायरस के 4 तरह के प्रकार होते है| जो इस तरह है - DEN-1, DEN-2, DEN-3 व DEN-4
- संक्रमित मच्छर - जब कोई वायरस से संक्रमित मच्छर किसी व्यक्ति के शरीर में काटता है तो मच्छर अपने डंक के ज़रिये डेंगू वायरस को उस व्यक्ति के शरीर में छोड़ देता है|
- संक्रमित व्यक्ति - जिन व्यक्तियों के पहले डेंगू बुखार हो चूका है अगर दोबारा से डेंगू की समस्या फिर हो जाए तो उन्हें गंभीर समस्या का खतरा हो सकता है|
- प्लेटलेट काउंट - यदि अगर किसी व्यक्ति की लगातार प्लेटलेट काउंट कम हो रही है तो उसे डेंगू होने की काफी आशंका है|
- डेंगू से पीड़ित क्षेत्र - आपको कभी भी जयादा गंदे जगह या ऐसी जगह जहाँ एडीज़ मच्छर ज्यादा हो वहां नहीं रहना चाहिए वरना आप भी डेंगू से संक्रमित हो सकते है|
- प्रतिरोधक छमता कमज़ोर होना - कमज़ोर लोगों में भी डेंगू होने की सम्भावना बहुत ज्यादा होती है| ज्यादा उम्र वाले लोगों और फेफड़ो, मुधमेह, दिल की बीमारी वाले लोगों में भी डेंगू के होने की सम्भावना अधिक है|
डेंगू बुखार के लक्षण क्या है -
- डेंगू वायरस का सबसे बड़ा लक्षण तेज़ बुखार (104*F) तक होना है|
- बुखार के साथ हड्डियों व जोड़ो में दर्द होना|
- सिरदर्द का होना
- पेट दर्द
- चिड़चिड़ा पन होना
- उलटी आना व दिल घबराना
- आँखों के अंदर दर्द होना
- त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते हो जाना
- बिना कुछ करे भी थकान महसूस होना
- ग्रंथियों का सूजन आदि|
डेंगू बुखार के रोकथाम व बचाव क्या है -
- साफ़ - सफाई - बिमारियों से बचने के लिए सफाई का भी बहुत बड़ा रोल होता है अपने घर व पड़ोस में सफाई रखने की सलाह दें और खुद भी साफ़ रहें| हमेशा ध्यान रखे की कभी भी आपके आस - पास कही भी पानी और कूड़ा जमा न रहे पानी और कूड़े के जमे रहने से मच्छर पैदा होते है|
- डेंगू से बचाव - डेंगू की रोकथाम या बचाव के लिए हमें चाहिए की हम मच्छरों के संपर्क से बचे और गन्दी जगहों पर जाने से दूर रहे| शाम होने से पहले अपने घर के दरवाज़े या खिड़कियों को बंद करदें क्योंकि शाम होते ही मच्छर घरो में घुसना चालू कर देते है| मच्छरी से बचने के लिए आप आल आउट या मच्छरदानी का उपयोग अवस्य करें|
- पानी - पीने के पानी को हमेशा ढक कर रखें क्योंकि मच्छर सबसे ज्यादा पानी के पास रहते है और वही पर मच्छर अंडे दे देते है|
- भोजन - स्वस्थ भोजन खाये बहार का बिना ढका हुआ खाना खाने से बचें|
- पर्याप्त नींद लें - पर्याप्त नींद लेने से हमारे शरीर को बहुत आराम मिलता है| इसलिए 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें ताकि आपकी बॉडी को आराम मिल सके|
डेंगू बुखार के घरेलु उपचार -
- आहार - हल्का व पौष्टिक से भरपूर आहार लेने की कोशिश करें|
- तेज़ बुखार को कम करना - तेज़ बुखार को कम करने के लिए आप अपनी नज़दीकी डॉक्टर से दवा जरूर लें या पेरासिटामोल और इबुप्रोफिन दवा ले सकते है|
- तरल पदार्थो का सेवन - भरपूर मात्रा में तरल पदार्थो जैसे- शुद्ध पानी, नारियल पानी और चीनी या नमक का पानी का सेवन करें| इससे हमारा शरीर हाइड्रेट रहेगा|
- आराम - जितना हो सके आराम करें और अपने खाने पीने पर भरपूर दयँ दें|
- नींद - जयादा जागने या नींद पूरी न होने के कारण डेंगू के वायरस में काफी बढ़ोतरी हो सकती है इसलिए पार्यप्त नींद लें|
- कीवी फल - डेंगू बुखार में कीवी फल का सेवन करना भी बहुत लाभकारी है|
- तुलसी - तुलसी के अंदर एंटीवायरल गुण मौजूद होते है जो डेंगू के लक्षणों को कम करने का काम करता है|
- गिलोय का रस - गिलोय होती तो कड़वी है लेकिन गिलोय को पानी में उबालकर कुछ दिन पीने में ही डेंगू बुखार से राहत मिल जाती है और गिलोय प्लेटलेट काउंट भी बहुत जल्द बढाती है|
- पपीता - पपीता प्लेटलेट बढ़ाने में काफी मदद करता है| इसके सेवन से जल्द ही प्लेटलेट पूरी हो जाती है|
- बकरी का दूध - डेंगू बुखार में सुबह - सुबह बकरी का दूध पीने से प्लेटलेट काउंट बहुत जल्दी बढ़ती है और ये डेंगू बुखार को जड़ से ख़त्म करता है अथवा पैरों के दर्द को रोकता है|
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