Wednesday, July 10, 2024

दिमाग को तेज़ कैसे करें - घरेलु नुस्खे

आप अक्सर ये सोचते होंगे की जब हम छोटे थे तो यार हमें हर सपना और पुरानी से पुरानी बात ध्यान रहती थी लेकिन जैसे - जैसे बढे हो रहे है हमारी याददाश्त कम सी होती जा रही है| हम अब इतनी जल्दी भूल जाते है की अगर कोई हमें 5 मिनट पहले कुछ करने को बोले तो हमें शर्मिंदा होकर उससे कहना पढता है की यार मुझे याद या ध्यान नहीं रहा इसका मुख्य कारण है की आज हम अपने खान  - पान अच्छा नहीं रख पाते है| पहले जब हम छोटे थे तो हमारे घर वाले हमारे खान - पान का सबसे ज्यादा ध्यान रखते थे जिस कारण हमारी दिमाग की शक्ति बहुत तेज़ हुआ करती थी लेकिन बड़े होकर हमें खुद से अपने खाने पीने का ख्याल रखना पढता है और हम दिमाग के लिए जो चीज़े अच्छी है उनको त्यागकर बेकार और हानिकारक पदार्थो का सेवन करते है जिसकी वजह से हमारे ब्रेन की शक्ति कम हो जाती है| अगर हम अच्छा रहन - सहन और अच्छा खान - पान रखे तो हमारा दिमाग और शरीर दोनों अच्छा रहेगा| 

how to sharpen your brain


हमें चाहिए की अगर हमें अपने दिमाग और याददाश्त को बरकरार रखना है तो हमें अपने दिमाग से फालतू चीज़ों को निकाल देना चाहिए और हमेशा पॉजिटिव सोचने की कोशिश करें ताकि आपका दिमाग रिलैक्स रहे और अच्छे से ग्रो करे याद रहे की अगर हम फालतू चीज़ों के बारे में ज्यादा सोचते है या दिमाग में किसी भी तरह का तनाव रखते है तो इसकी वजह से आपके दिमाग के विकास में रुकावट हो सकती है| आईये जानते है की हमें दिमाग को तेज़ करने और याददाश्त को बढ़ाने के लिए हमें क्या करना चाहिए | 

दिमाग को तेज़ कैसे करें  - घरेलु नुस्खे 

याद रखिये की लगातार भूलने की बीमारी आगे चलकर बहुत बड़ी समस्या बन सकती है इससे आपकी मेमोरी लॉस होने का भी खतरा है| आइये बिना देर करते हुए जानते है की दिमाग की मेमोरी बूस्ट कैसे करें| 

पौष्टिक आहार लें- 

  • फल - केला, अनार, संतरा, कीवी फल, अंगूर, ब्लूबेरी और एवोकेडो ये सब फल दिमाग को विटामिन की कमी से बचाते है| इनके सेवन से याददाश्त तेज़ होती है|  
  • सब्जियां - पालक, गाजर, शकरकंद, टमाटर और ब्रोकोली और अन्य हरी पत्तीदार सब्जियां आदि याददाश्त को मजबूत करती है| 
  • दलिया - दलिया हमारे शरीर के विकास के लिए काफी मह्त्वपूर्ण है| ये हमारे शरीर में ऊर्जा पैदा करता है और दिमाग का विकास भी करता है| 
  • अंडा - अंडा प्रोटीन और कॉलिन से भरपूर होता है| ये हमारी याददाश्त को तेज़ करता है| 
  • दही - दही प्रोबायोटिक्स से भरपूर होता है ये हमें स्वस्थ रखता है| 
  • मेवे - काजू, बादाम, अखरोट, पिस्ता और खजूर में विटामिन भरपूर होती है| मेवों से हमारे शरीर का बहुत अच्छा विकास होता है| दिमाग और याददाश्त भी तेज़ होता है|
  • पानी - भरपूर मात्रा में पानी पीने की कोशिश करें| पानी पीने से दिमाग में खुस्की नहीं होती है|  

जीवनशैली में बदलाव करें - 

  • नींद - 7 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लेने लेना याददाश्त के लिए बहुत जरूरी है| अच्छी नींद दिमाग की हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है| 
  • व्यायाम - व्यायाम करना हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है| शरीर की गतिविधि से रक्त संचार में वृद्धि होती है| जिससे दिमाग का विकास बहुत अच्छे से होता है| 
  • गेम्स खेलें - दिमाग लगाने वाले गेम खेले जैसे बारें ओलिंपिक और सवाल जवाब वाले खेल| 
  • किताबें पढ़ें - किताबे पढ़ने की कोशिश करें जिससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा और आपका ध्यान अच्छी जगह बटेगा| 
  • दौड़ना व तैरना - दौड़ने व तैरने से भी हमारा दिमाग बहुत रिलैक्स होता है| 

कुछ आयुवेर्दिक नुस्खे अपनाएँ - 

  • जड़ी बूटी - अशवगंधा दिमाग के लिए बहुत अच्छी जड़ी-बूटी है| जो दिमाग को स्वस्थ रखती है और चिंता और तनाव से बचावा करती है| 
  • गाय का घी - गाय का घी का सेवन करना दिमाग के विकास के लिए बेहद फायदेमंद है| 
  • शंख पुष्पी - मेडिकल पर मिलने वाली डाबर कंपनी द्वारा बनायीं गयी शंख पुष्पी नाम की सीरप दिमाग को तेज़ और याददाश्त को बढ़ाती है|  

हमारे द्वारा बताये गए इन सभी उपायों को करके आपने अपनी याददाश्त को तेज़ कर सकते है और अपने दिमाग की मेमोरी को बूस्ट कर सकते है लेकिन अगर आपको दिमाग से सम्बंधित ज्यादा बड़ी समस्या है तो आप अपने इलाके के बेहरीन डॉक्टर से सलाह जरूर लें| 

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निष्कर्ष - अब में उम्मीद कर सकता हूँ की ये आर्टिकल आपको काफी अच्छा लगा होगा यदि आपके मन में अपनी हेल्थ को लेकर कोई सवाल है तो आप हमसे कमेंट के ज़रिये पूछ सकते है| हम आपकी समस्या का समाधान करने की पूरी कोशिश करेंगे|  

Thursday, June 13, 2024

डायरिया और दस्त के कारण, लक्षण, बचाव व घरेलु उपचार - हिंदी में

दस्त या डायरिया की दिक्कत ज्यादातर हमारी ही गलतियों के कारण होती है जब हम ज्यादा तली हुई या मिर्चदार चीज़े खा लेते है तो ये समस्या देखने को मिलती है| और ये बच्चे, बड़े या अधिक उम्र वाले इंसान किसी को भी हो सकती है| अक्सर ऐसा होता है की हम कभी कभी ऐसी चीज़ें खा लेते है जो हमारे पेट को गड़बड़ कर देती है| हर इंसान का डाइजेस्ट सिस्टम अलग तरह से काम करता है| आपने देखा होगा की बहुत से लोग ऐसे है जो कुछ भी और कितना भी खा लें लेकिन उनका पेट हमेशा सही रहता है और कुछ लोग ज़रा भी बाहर की या तली हुई चीज़ खा लें तो उनका डाइजेस्ट सिस्टम उसको पचा नहीं पाता है और फिर दस्त या पेचिस जैसी समस्या देखने को मिलती है| ज्यादातर लोग दस्त से इतने परेशान हो जाते है की वो तरह - तरह की दवा खाते है लेकिन अगर दस्त में आप परहेज़ी न करें तो आपके दवा खाने का कोई भी फायदा नहीं हो सकता है| आईये जानते है की दस्त आने के कारण, लक्षण, बचाव व घरेलु उपचार क्या है और इनमे क्या परहेज़ी करना चाहिए| 

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दस्त या पेचिस पर अगर हम अच्छे से ध्यान दें तो ये 1 से 2 दिन में ठीक हो जाती है लेकिन अगर हम दस्त के चलते अपने खान - पान को न सुधारें तो ये हमारे लिए समस्या खड़ी हो सकती है| क्योंकि आप जानते ही है की पेचिस या दस्त से कितनी ज्यादा कमज़ोरी हो जाती है और अगर यही दस्त लगातार कई दिन तक रहे तो हम बहुत कमज़ोर हो सकते है इसलिए हमें चाहिए की जब भी दस्त हो तो अच्छे से परहेज़ करे और घरेलु तरीके से दस्त को ठीक कर सकते है| 

डायरिया और दस्त के कारण, लक्षण, बचाव व घरेलु उपचार - हिंदी में 

दस्त और डायरिया की आम तरह की बीमारी है डायरिया की शिकायत अक्सर 5 वर्ष के बच्चों में अधिक देखने को मिलती है| दस्त आने के कारण, लक्षण, बचाव व घरेलु उपचार और डायरिया में क्या परहेज़ करना है इसके बारे बहुत अच्छी तरह से बताया है आप इसे पूरा जरूर पढ़ें ताकि आप अपने बच्चो या अपने आपको डायरिया जैसी बीमारी से बचा सकें : 

दस्त आने के मुख्य कारण - 

दस्त या पेचिस के कुछ कारण निम्नलिखित है : 

  • अस्वस्थ भोजन - अधिक मिर्च व मसालेदार या अधिक तला हुआ भोजन हमारे पेट के लिए बिलकुल भी ठीक नहीं है| ज्यादातर पेट की समस्या तले हुए खाने या दूषित भोजन व पानी की वजह से आती है|  
  • फ़ास्ट फ़ूड - चाउमीन, पिज़्ज़ा, बर्गर, समोसा आदि को अधिक खाना| 
  • तनाव व डर - ज्यादा अधिक मानसिक तनाव और किसी बात का गहरा डर भी दस्त आने का कारण बन सकता है| 
  • मल मूत्र को रोकना - मल मूत्र को ज्यादा देर तक रोके रखने से भी दस्त की शिकायत आ सकती है | 
  • कुछ दवाएं - मेडिकल पर मिलने वाली एंटीबायोटिक्स का अधिक इस्तेमाल करना भी हमारे पेट के लिए गंभीर समस्या बन सकता है|

दस्त आने के कुछ लक्षण -

दस्त आने के कुछ निम्नलिखित लक्षण इस प्रकार है:

  • पेशाब का कम अथवा गाड़ा आना व टट्टी का पतला और पानी जैसा आना दस्त का सबसे बड़ा लक्षण है| 
  • टट्टी का बार बार आना अथवा 
  • टट्टी में खून आना 
  • पेट में दर्द व ऐठन का हो जाना 
  • उलटी का आना व दिल घबराना 
  • खुश्की का लगना अथवा पेशाब कम आना 
  • भूख का कम लगना अथवा कमज़ोरी रहना 
  • शरीर का डिहाइड्रेट हो जाना 
  • कुछ मामलो में बुखार व सिरदर्द होना 

दस्त के कुछ निम्नलिखित बचाव - 

  • साफ़ सफाई - बच्चो के डाइपर या शौचालय से आने के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोएं| 
  • भोजन व पानी - दस्त में बेहतर है उबले हुए पानी को गुनगुना करके पियें और पकी हुई चीज़ों का सेवन करे कुछ भी कच्चा खाने की कोशिश न करें| 
  • फल व सब्जियों को धोना - फलों को अच्छे से धोकर ही खाये और सब्जियों को पहले धोकर ही पकाये क्योंकि मार्किट से जब हम सब्जी या फल लाते है तो इन पर काफी सारे बैक्टेरिया लिपटे हुए होते है| 
  • स्तनपान - यदि अगर माँ ज्यादा तली हुई या अधिक मिर्च, मसालेदार चीज़ें खाये और फिर अपने बच्चे को अपना स्तनपान कराये तो बच्चे को इससे दिक्कत हो सकती है| इसलिए माँ खुद भी स्वस्थ भोजन खाये ताकि बच्चे को स्वस्थ दूध पीने मिल सके | 
  • शराब का सेवन - शराब इंसान के लीवर पर बहुत बुरा असर डालती है और अगर लीवर सही हो तो इंसान का डाइजेस्ट सिस्टम बहुत अच्छा रहता है| 
  • पैकेज फ़ूड - दस्त के दौरान पैकेज फ़ूड जैसे - चिप्स, कुरकुरा आदि चटपटी चीज़े न खाएं| 

दस्त के कुछ घरेलु उपचार - 

दस्त को सही करने के लिए कुछ घरेलु उपचार निम्लिखित है: 
 
  • पौष्टिक आहार - सुबह नाश्ते में दलिया आदि खाना दस्त में काफी लाभदायक है| 
  • तरल पदार्थो का सेवन - निम्बू पानी, नारियल पानी, बैल का जूस, शोरबा आदि ये सब तरल पदार्थ है इनके सेवन से दस्त में काफी आराम मिलता है अथवा कमज़ोरी नहीं लगती है| 
  • दाल - मूंग की दाल या मूंग की दाल की खिचड़ी बनाकर खाना दस्त में काफी लाभकारी है| 
  • सब्जियां - लौकी, तुरई, परवल आदि कम मिर्च व कम तेल से बना हुई अथवा लोकी का रायता दस्तों में फायदेमंद है| 
  • दही व छाछ - दही और छाछ भी दस्तो में बेहद लाभकारी है| दही में हल्का नमक डालकर रोटी से भी खा सकते है और दही की लस्सी भी दस्त में काफी राहत देती है| छाछ पीने से ताज़गी बनी रहती है| 
  • भुने हुए चने - पेचिस या दस्त में भुने हुए चने बहुत ही लाभदायक है| चनो के खाने से टट्टी सही आती है| 
  • नींद व आराम  - पर्याप्त मात्रा में नींद और आराम करे| दस्त या पेचिस की कमज़ोरी से लड़ने के लिए आराम बेहद जरूरी है| 
  • दवाएं - डॉक्टर द्वारा बताया गया परहेज़ करें और दवा खाएं| 

अन्य उपचार -

  • चाय वाला बन - चाय से खाया जाने वाला बन दस्त में रुखा खाने से दस्त बहुत जल्दी ठीक हो जाते है| बन से दस्त को ठीक करना बहुत ही कारगर इलाज है| 
  • निम्बू से दस्त का इलाज - आधा गिलास पानी में 1 चम्मच नीबू का रस मिलाकर सुबह और शाम पीने से आंतो की सफाई होती है और दस्त से जल्दी रहत मिलती है| 
  • लाहोरी जीरा - जीरे का पानी या जीरे वाली कोल्ड ड्रिंक भी पेट के काफी फायदेमंद है| ये हमारे शरीर के अंदर हानिकारक बैक्टेरिया से लड़ते है| 
  • पपीता - पपीता पेट और हमारी त्वचा के लिए बहुत लाभकारी है| कच्चे पपीते को दस्त में उबालकर खाने से काफी लाभ होता है इसके अलावा पका पपीता भी पेट के लिए अच्छा है इसलिए पपीते को आप कच्चा या पका कैसा भी खा सकते है लेकिन दस्त में कच्चे पपीते के ज्यादा लाभ है| 
  • जीरा व सौंप -  1 चम्मच जीरा और सौंप को मिलाकर दोनों को तब पर भूनकर 1 गिलास पानी में मिला लें और सुबह शाम इसको पियें| ये हमारे पेट के इन्फेक्शन को ख़त्म करता है| 
  • सफ़ेद इलायची व  चीनी - 2 से 3 इलायची और 1 चम्मच चीनी को पानी में डालकर उबालकर पीने से दस्त से बहुत जल्द छुटकारा मिलता है| 
  • नीबू के चाय - निम्बू की चाय पेट के लिए काफी आरामदायक है| इसे दस्त में पीने से दस्त से बहुत जल्द आराम मिलता है| 

ये जानकारी केवल गूगल के ज़रिये रिसर्च करके लिखे जाने पर आधारित है| अगर आपको दस्त या पेचिस या पेट से सम्बंधित कोई भी समस्या है तो सबसे पहले आप अपने नज़दीकी डॉक्टर से सलाह जरूर लें और हमारे इन बचाव और उपचार आदि को भी करके आप अपने दस्त ठीक कर सकते है| 


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निष्कर्ष - दोस्तों मुझे उम्मीद है की ये आर्टिकल आपको पसंद आया होगा| हमें कमेंट करके जरूर बताएं की ये आर्टिकल आपको कैसा लगा और इसे अपने दोस्तों के शेयर जरूर करें ताकि हम आपके लिए रोज़ाना अच्छे से अच्छे आर्टिकल लेकर आते रहें| 

Wednesday, June 12, 2024

पीलिया रोग के लक्षण, कारण, बचाव व उपचार - हिंदी में

अकसर जब भी कोई पीलिया से पीड़ित व्यक्ति हमारे सामने से गुज़रता है तो हम फ़ौरन ही पहचान जाते है की इनको पीलिया हो सकती है क्योंकि जब हमारे खून में बिलीरुबिन नाम के पदार्थ का स्तर अधिक हो जाता है| तो हमारे लाल रक्त की कोशिकाएं टूटने लगती है जिसके कारण ये पीला पदार्थ उत्पन्न होता है| जिसमे हम देखते है की धीरे - धीरे हमारी त्वचा, नाखून और आँखों का सफ़ेद भाग पीला होता हुआ नज़र आता है| अगर पीलिया का समय रहते हुए इलाज न किया जाए या इसकी बदपरेहजी की जाए तो ये आगे चलकर आपको बहुत बड़ी गंभीरता का सामना करना पढ़ सकता है| पीलिया रोग अगर बढ़ जाए तो इसका अटैक लीवर पर अधिक हो जाता है जिसके कारण लीवर काम करना बंद भी कर सकता है| पीलिया से लोग इसलिए इतना घबराते है क्योंकि पीलिया के अधिक बढ़ जाने के कारण मनुष्य के शरीर पर पीलिया की गिरफ्त मजबूत हो जाती है| जिससे पीलिया की हलकी बीमारी गंभीर रोग में बदल जाती है| 

Symptoms, causes, deficiency and treatment of jaundice - in Hindi


वैसे तो पीलिया का काफी अच्छा इलाज है लेकिन अगर समय पर इसका इलाज न हो तो कोई भी दवा इसपर जल्दी काम नहीं कर पाती है| इसके बहुत से घरेलु उपचार भी है| जो आज हम इस आर्टिकल में बताने वाले है| इस पोस्ट में हम पीलिया रोग के लक्षण, कारण, बचाव व उपचार के बारे में बताने जा रहे है| जो पीलिया वाले रोगियों के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है| इसलिए इसे पूरा पढ़ने की कोशिश करें| 

पीलिया रोग के लक्षण, कारण, बचाव व उपचार - हिंदी में 

यहाँ हमने पीलिया की 4 चीज़ों के बारे में बताया है जो कुछ इस प्रकार है :

पीलिया रोग के लक्षण क्या है- 

  • त्वचा में खुजली होना 
  • बुखार का बार - बार आना 
  • त्वचा व आँखों का रंग पीला पढ़ जाना 
  • नाख़ून का पीला हो जाना 
  • थकान महसूस होना 
  • भूख कम लगना 
  • पेशाब पिले रंग की आना 
  • पेशाब में जलन होना अथवा गाड़ा मूत्र आना 
  • उलटी आना व दिल मचलाना 
  • पेट में दर्द होना 

अगर आपको इनमे के लक्षण अपने अंदर दिख रहे है तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने की आवश्यकता है| 

पीलिया होने के कारण क्या है- 

  • दूषित जगह व वस्तुएं - सड़क किनारे या बहार कहीं पढ़ी हुई कटी, फटी, कुचली व गंदा पानी जैसी वस्तुए| 
  • हेपेटाइटस वायरस - यह वायरस हमारे लीवर को प्रभावित करता है और बिलीरुबिन का स्तर को बढ़ावा देता है| 
  • लीवर सम्बंधित समस्याएं - सिरोसिस या लीवर का कैंसर आदि भी पीलिया का कारण बन सकते है| 
  • नली में रुकावट - पित्त नली में रुकावट जैसे - पथरी, ट्यूमर व संक्रमण आदि रोग होना| 
  • कुछ दवाओं के सेवन से - एंटीबायोटिक्स और एंटीमेलेरियल के अधिक सेवन के कारण भी पीलिया हो सकता है| 

पीलिया के बचाव क्या है- 

  • स्वछता को महत्व दें - पीलिया ऐसा रोग हो जिसमे बेक्टेरिया का संरक्षण होता है| इसलिए अच्छे से हाथ साफ़ रखें और स्वच्छ पानी पीते रहें| 
  • स्वच्छ आहार लें - हमेशा अच्छी तरह धोकर पका हुआ और ढका हुआ भोजन खाएं| 
  • टीकाकरण कराएं -  आज के समय में हेपेटाइटस A अथवा B के लिए टीके भी उपलध है आप चाहें तो उन्हें लगवा सकते है| 
  • कुछ दवाओं का प्रयोग न करें - ऐसी दवाएं बिलकुल न खाये जो आपके लीवर पर बुरा असर डालतीं है| जिसमे नशीली दवाएं आदि शामिल है| 
  • नशीले पदार्थ का सेवन करें - धूम्रपान अथवा शराब का सेवन न करें ये हमारे लीवर पर बुरा असर डालती है| 

पीलिया के घरेलु उपचार क्या है-

पीलिया के कुछ घरेलु उपचार बताये है जो आपके काफी काम आने वाले इसे जरूर पड़ें: 

खान - पान अच्छा रखें- 

  • उचित आहार लें - पीलिया में हलके आहार को खाना पसंद करे जैसे - दाल, रोटी, सब्जियां, फल दूध और छाछ जैसी चीज़ो का सेवन करे| 
  • तले व अधिक  मिर्च, मसालेदार आहार -  तले हुए और अधिक मिर्च, मसाले से बने खाने को खाने से बचें ये आपके पीलिया के रोग को बढ़ावा दे सकते है| 
  • भरपूर मात्रा में पानी को पियें - पानी ज्यादा से ज्यादा पीने की कोशिश करे इससे लीवर सवस्थ रहेगा और  अगर आप ज्यादा पानी पीते है तो आप पेशाब से सम्बंधित परेशानी में काफी रहत मिलेगी| 
  • जूस पियें - निम्बू, संतरे और गन्ने का जूस पियें ये पीलिया में काफी लाभकारी है| 
  • खाना कम मात्रा में खाये - दिन भर थोड़ा - थोड़ा खाते रहे इससे आपकी लीवर पर ज्यादा दबाब नहीं पड़ेगा और लीवर स्वस्थ रहेगा| 

पीलिया में इन चीज़ों का परहेज़ करें - 

  • अशुद्ध आहार - पीलिया के रोगी बाहर का खाना खाने से परहेग्ज करें क्योंकि बाहर का खाना अक्सर बासी होता है और वो घर के खाने के मुक़ाबले सुद्ध नहीं होता है| 
  • कड़ी मेहनत करना - ज्यादा अधिक मेहनत करने से बचे खास करके वजन ज्यादा न उठाये पीलिया में आपको आराम की अधिक जरूरत होती है| 
  • फोन ज्यादा न चलाएं - अधिकतम फ़ोन चलने से भी हमें पीलिया में बढ़ावा मिल सकता है इसलिए बेहतर है की फ़ोन कम से कम चलाने की कोशिश करें| 
  • अधिकतर नमक न खाएं - नमक की अधिक मात्रा वाले पदार्थो के सेवन से बचें जैसे - अचार, खट्टी चीज़े आदि न खाये इससे पीलिया को ख़त्म करने में अधिक समय लग सकता है| 
  • चाय व कॉफ़ी -   चाय और कॉफ़ी के सेवन से बचे इसमें कैफीन की मात्रा होती है जो पीलिया को ठीक नहीं होने देता है| 
  • जंक फ़ूड खाने से बचें - जंक फ़ूड पिज़्ज़ा आदि खाने से बचे इनमे अधिक मसालों का मिश्रण होता है| जो पीलिया के रोगियों के लिए काफी नुक़सानमन्द है| 
  • फ़ास्ट फ़ूड - फ़ास्ट फ़ूड खाना जितना अच्छा लगता है उससे अधिक नुकसानदेह भी है ये हमारे लिए बहुत गंभीर बिमारियों का कारण बन सकता है| 
  • मांस व मछली -  पीलिया के मरीज़ों के लिए मांस व मछली बहुत गर्म और भारी भोजन है| जो हमारे डाइजेस्ट सिस्टम से आसानी से नहीं पच पाता है| इसलिए पीलिया में इसका सेवन न करें| 
  • अंडा - अंडा भी पीलिया के मरीज़ों के लिए ठीक नहीं है इसके सेवन से भी हमें परहेज़ करना चाहिए| 
  • शराब व धूम्रपान - पीलिया के मरीज़ों को शराब और धूम्रपान आदि नशों से मुक्ति ले लेनी चाहिए लगातार इसके सेवन से इंसान गंभीर समस्या का शिकार हो सकता है| 

पीलिया के घरेलु उपचार - 

  • गन्ने का रस - गन्ने का रस पीलिया के मरीज़ के लिए बेहद लाभकारी है| गन्ने के रस को अगर रोज़ाना पिया जाए तो कुछ सप्ताह में ही पीलिया खत्म हो जायगा|  
  • नारंगी का रस - नारंगी का रस पीने से बिलीरुबिन की मात्रा में कमी आती है | जिससे हमारा लीवर स्वस्थ रहता है| इसके अलावा ये पाचन तंत्र को मजबूत करती है जिससे पीलिया से लड़ने में आसानी होती है| 
  • दही व छाछ  - दही व छाछ का सेवन जिस तरह हमें ताज़गी देता है इसी तरह ये पीलिया को समाप्त करने में मदद करता है| छाछ को रोज़ाना सुबह और शाम पीने से पीलिया जल्दी ठीक होता है| 
  • नारियल पानी - नारियल पानी पीना हमारे शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है ये अक्सर बुखार जैसी समस्याओं से लड़ने में हमारी मदद करता है और हमारे शरीर को ताकत प्रदान करता है| 
  • तुलसी के पत्ते - तुलसी के 5 ग्राम पत्ते और पुननर्वा की जड़ 5 ग्राम पीसकर इसका सेवन रोज़ाना करने से आपको बहुत जल्द लाभ मिलेगा
  • मूली के पत्ते - मूली के 5 से 6 तोला पत्तों को पीसकर उसमे 1 से 2 तोला मिश्री मिला लें और सुबह निहार मुँह पिए| कुछ दिन में ही आपको पीलिया से राहत मिल जायगी| 
  • पपीता खाये - कच्चे पपीते की सब्जी बनाकर खाएं और पका हुआ पपीता भी खा सकते है| पपीता पीलिया में बेहद लाभकारी है| 
  • आराम करें - पीलिया के मरीज़ों को कमज़ोरी की शिकायत बहुत होती है इसलिए उन्हें चाहिए की वो अधिक आराम करे| 

अगर आपको हमारे बताये हुए पीलिया के कुछ भी लक्षण दिख रहे है तो आप जल्द ही अपने नज़दीकी अच्छे डॉक्टर से संपर्क जरूर करें जिससे जल्द से जल्द पीलिया का समाधान हो सके| 


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निष्कर्ष -  आशा करता हूँ की ये आर्टिकल आपको पसंद आया होगा|  आपका कोई भी सवाल हो तो आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते है| हम आपके लिए रोज़ाना ऐसी आर्टिकल लाते रहेंगे|